Just a Thought
मैं मैं हूँ तू नहीं,फिर क्यूँ किया करूँ मैं नक़ल तेरी
गर मुझे तू होना होता,तुझ जैसी होती शकल मेरी
रोज़ करता हूँ खुद तामीर अपनी ही बर्बादी के नए तरीके
अब तुन ही कहो इसे अक्ल कहूँ कि बद-अक्ल मेरी
(Tameer = plan,Construct)
जिस रोटी के खिलाने को मेरे पीछे दौड़ती थी मेरी दादी
उसी रोटी के पीछे दौड़ती है ज़िन्दगी आज-कल मेरी
दानिश्वर हम न सही मगर रखते हैं उम्र से लुच अक्ल
हर बात पे "you wont understand " कहती है मुझे अगली नस्ल मेरी
Daanishwar = Sage
गर मुझे तू होना होता,तुझ जैसी होती शकल मेरी
रोज़ करता हूँ खुद तामीर अपनी ही बर्बादी के नए तरीके
अब तुन ही कहो इसे अक्ल कहूँ कि बद-अक्ल मेरी
(Tameer = plan,Construct)
जिस रोटी के खिलाने को मेरे पीछे दौड़ती थी मेरी दादी
उसी रोटी के पीछे दौड़ती है ज़िन्दगी आज-कल मेरी
दानिश्वर हम न सही मगर रखते हैं उम्र से लुच अक्ल
हर बात पे "you wont understand " कहती है मुझे अगली नस्ल मेरी
Daanishwar = Sage
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